कलेक्टर मेडम एक नज़र इधर भी। राणापुर BMO ओर CMHO की मदद से बीते कई वर्षो से बिना आदेश के कर रहे थे कार्य।अब हुवा प्रशासनिक आदेश। कबतक चलेगी मनमानी।

राणापुर BMO ओर CMHO की मदद से बीते कई वर्षो से बिना आदेश के कर रहा था कार्य।अब हुवा प्रशासन से आदेश।झाबुआ । आप को जान कर हैरानी होगी कि चित्र में दिख रहा रहा शख्स कई वर्षो से राणापुर CSC के पद पर पदस्थत थे तथा उनकी सैलरी भी राणापुर से निकलती थी इनसे पूछे जाने पर इनका कहना था कि CMHO के कहने पर यहाँ कार्य करते हैं इनके पास लिखित में कोई आदेश नही हैं। मौखिक तौर पर पदस्थ कर रखा था।इन्हें प्रशासनिक तोर पर अब आदेश दिया हैं । शुक्षमता से जाँच की जाय तो ऐसे कई लोग हैं, जो अपनी निजी सुख सुविधा और फायदे के लिए इस डिपार्टमेंट में जिनकी मूल पद स्थापना कही और है,ओर कार्य कही दूसरी जगह कर रहे है। 

चर्चा चौराहे पर यह भी चल रही यदि ऐसा है।तो किसी भी व्यक्ति को अपने मूल पदस्थापना से हट कर कार्य करने की कोई बध्यता औऱ नियम नही हैं क्या ? क्या झाबुआ कलेक्टर का यह दायित्व नही बनता की झाबुआ कलेक्टर एसे प्रकरणों की जांच करे। लोगो का यह भी कहना हैं कि सूक्षमता से जाँच की जाए तो ऐसे कई प्रकरण आप को हर डिपार्टमेंट में मिल जाएंगे।

अब देखना यह हैं कि झाबुआ कलेक्टर तन्वि हुड्डा ऐसे लोगो पर क्या एकशन लेती हैं। या औरो की तरह मामले नजऱ अंदाज़ कर ख़त्म।

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