मुस्लिम बेटी अनम खान ने ग्रेपलिंग चैम्पियनशिप में दो गोल्ड जीतकर रचाडाला इतिहास।
धार।धार जिले की बेटी अनम खान ने एशियाई ग्रेपलिंग चैम्पियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीतकर धार समेत पूरे देश का नाम रोशन किया है. इसके साथ ही धार के सात अन्य खिलाड़ियों ने भी ग्रेपलिंग में कई पदक हासिल किए हैं. इस दौरान लोगों ने इंदौर नाके से लेकर राजवाड़ा तक विजेता खिलाड़ियों का विशाल चल समारोह निकाला. साथ ही फूल बरसाकर उनका जमकर स्वागत किया।
खिलाड़ी अनम खान धार शहर की बसंत विहार कॉलोनी की रहने वाली हैं. वे ग्रेपलिंग खिलाड़ी हैं, अनम खान ने यूनाइडेड वर्ल्ड रेसलिंग की एशियाई ग्रेपलिंग चैम्पियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. यह चैम्पियनशिप 21 से 24 जून तक कजाकिस्तान के अस्थाना में आयोजित की गई थी.

अनम खान के साथ ही धार के रहने वाले अन्य सात खिलाड़ियों ने भी ग्रेपलिंग चैम्पियनशिप में कई पदक हासिल किए हैं. इस दौरान शहर वासियों ने इंदौर नाके से लेकर राजवाड़ा तक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में विशाल चल समारोह निकाला. वहीं शहर के लोगों ने जगह-जगह फूल बरसाकर खिलाड़ियों को स्वागत किया।
अनम खान भारत की पहली ग्रेपलिंग खिलाड़ी हैं जिन्होनें इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।वे इस सफलता को हासिल करने के बाद बेहद खुश हैं, उन्होंने कहा इस सफलता का श्रेय उनके कोच अनू पाल और माता-पिता को जाता है. इसके साथ ही उन्होंने अब अनम ने ओलंपिक में जाने की इच्छा जाहिर की है.
अनम की इस सफलता से उनके माता-पिता, कोच और परिवार के अन्य लोग बहुत खुश हैं. उनके पिता मुजीब कुरैशी धार के जाने-माने व्यवसायी हैं. बेटी की इतनी बड़ी सफलता के बाद अनम के पिता और मां गर्व मेहसूस कर रहे हैं. अब वे बेटी के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं. वहीं अनम के कोच अनू पाल का कहना है अनम के कठिन परिश्रम की वजह से ही यह सफलता मिली है.
अब सभी अनम को ओलंपिक में खेलते देखना चाहते हैं और ओलंपिक में भी गोल्ड हासिल करने का सपना देख रहे हैं. वहीं ग्रेपलिंग ऐसोसिएशन के जिलाध्यक्ष और बीजेपी जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी ने सभी खिलाड़ियों का जमकर स्वागत किया और कहा कि बीजेपी सरकार की खेल नीतियों के कारण ही आज भारत के खिलाड़ी विश्व में नाम रोशन कर रहे हैं.
धार जैसे आदिवासी और ग्रामीण अंचल की बेटी अनम खान ने ग्रेपलिंग एशियाई चैम्पियनशिप में दो गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया है. अनम ने एक बार फिर ये साबित कर दिखाया कि प्रतिभाएं बड़े शहरों और सुविधाओं की मोहताज नहीं होती. वे शहर की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं।
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