आम तौर पर देखा जाता है यूनियन या संगठन सड़क पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन करते हैं. हाल ही में ऐसी ही घटना हरियाणा के शाहाबाद में देखे को मिली थी .जहां भारतीय किसान यूनियन ने सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई थी और उसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया था।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करना गैर कानूनी है. इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम बना हुआ है. इस अधिनियम के धारा 8-बी में प्रदर्शनकारियों को जुर्माने के साथ-साथ 5 साल तक की सजा हो सकती है. क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के धारा 8-बी में कई ऐसी धाराएं हैं जिसके तहत प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई हो सकती है और एफआईआर भी दर्ज हो सकता है.
क्या है राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम
वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील गुरविंदर सिंह संधू ने बताया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के धारा 8-बी में साफ है, कि अगर आप सरकारी संपत्ति और सड़क को रोककर प्रदर्शन कर रहे हो तो आप पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर सकती है और इसमें 5 साल की कैद का भी प्रावधान है. संधू ने बताया था कि सड़कों को रोक कर धरना देना कानून के खिलाफ है.
सड़क जाम करने से होती है आम लोगों को समस्या
अक्सर देखा जाता है कि यूनियन ,संगठनों के रूप में लोग ज्यादातर हाईवे और सड़कों को जाम करते है और पुलिस उन पर FIR भी दर्ज करती है. लोगो ने कहा कि सड़क जाम करने से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से अब लोग किसी भी ऐसे यूनियन ,ग्रुप या संगठन का समर्थन नहीं करना चाहिए।
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