अब नहीं देना पढ़ेंगे बाज़ार में बैठने वाले फ़ेरी वालो औऱ हठ-वाड़ीयों को 10 रुपये बाज़ार बैठक ठेका प्रथा बंद। अब आ गये नए नियम।

अब नहीं देना पढ़ेंगे बाज़ार में बैठने वाले फ़ेरी वालो को 10 रुपये बाज़ार बैठक ठेका प्रथा बंद। अब आ गये नए नियम।

फिर आ गया चर्चा चौराहे की लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चर्चा चौराहे पर चल रही हैं कि बाज़ार बैठक का ठेका होगा निरस्त।
नगर पालिकाओं और निगम क्षेत्रों में सड़क किनारे दुकान लगाकर फुटकर व्यापार करने वाले पथ विक्रेताओं से बाजार बैठक शुल्क वसूली में बदलाव हो गया है। निकायों में बाजार बैठक शुल्क वसूली की ठेका प्रथा बंद कर दी गई है। इसको लेकर आदेश आ गए हैं।

लोगो का का कहना हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 29 मई को भोपाल में पथ विक्रेताओं की महापंचायत के दौरान की गई घोषणा के तहत व्यवस्था परिवर्तन किया गया है। सड़क पर फेरी लगाकर और बैठकर व्यापार करने वालों से झाबुआ नगरपालिका में बाजार बैठक शुल्क के रूप में प्रतिदिन के 10 रुपए लिए जाते हैं।इस व्यवस्था में परिवर्तन किया गया हैं। नई व्यवस्था को लागू होने के बाद स्ट्रीट वेंडर्स राशि देना होगी।

सड़क पर बैठने वालों में कई लोग नियमित नहीं बैठते है। कुछ घूम-घूमकर अपना व्यापार करते हैं। ऐसी स्थिति में छह माह का शुल्क 10 रुपए के हिसाब से चुकाना नुकसान का सौदा होगा। अभी यह तय होना भी बाकी है कि यह राशि एडवांस ली जाएगी या 6 महीने पूरे होने के बाद वसूली जाएगी। इस नई व्यवस्था से हितग्राही के साथ निकाय की राजस्व आय भी प्रभावित होगी। दरअसल, 6 महीने के भीतर यदि कोई व्यापारी अपना व्यवसाय बंद कर लेता है या दूसरा काम करता है तो उसकी वसूली कैसे हो पाएगी। इधर, यदि वेंडर्स से अग्रिम लिए जाते हैं तो उनके लिए यह दिक्कतों भरा होगा।

नगरीय एवं प्रशासन विकास विभाग के आदेश जारी होने के बाद निकायों में बाजार बैठक शुल्क वसूली के ठेके निरस्त किए जाएंगे। समयावधि का आकलन करके शेष समय के ठेके निरस्त किए जाएंगे।लोगो का कहना हैं चुँकि झाबुआ नगरपालिका घाटे में चल रही हैं हो सकता निर्धारित ठेका राशि की आय के अनुपात में वार्षिक और छह माही शुल्क निर्धारण किया जा सकता है।

परिषद तय करेगी शुल्क
जुलाई माह तक निकायों को नई व्यवस्था लागू करना है। विभाग द्वारा व्यवस्था परिवर्तन के आदेश पत्र में भोपाल नगरपालिका का उदाहरण दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि वहां पर पीएम स्व निधि के हितग्राहियों से 500 से लेकर 1 हजार रुपए एक मुश्त शुल्क के रूप में लिए जाते हैं। पथ विक्रेताओं में हजारों लोगों ने पीएम स्व निधि में लोन नहीं लिया है।

ऐसे में पथ विक्रेताओं से समान रूप से वसूली होगी या फिर पीएम स्व निधि वाले पथ विक्रेताओं को रियायत मिलेगी और दूसरों से वार्षिक शुल्क 3600 रुपए के तौर पर लिए जाएंगे। संपूर्ण निर्णय निकायों में साधारण परिषद के सम्मेलन में होना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को महापंचायत में बैठक शुल्क वसूली ठेकेदारों द्वारा वेंडरों से तय राशि से अधिक वसूली करने की शिकायत मिली थी। ठेका प्रथा बंद करने की मांग की थी। इस आवेदन के तहत ठेका व्यवस्था बंद की जा रही है। इसके पश्चात ठेका प्रथा को बंद करके वसूली को जारी रखने के तारतम्य में वसूली निकाय के हाथों में रखी जाएगी। वहीं, रोज की जगह एक मुश्त राशि लेने की व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

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