बता दें कि मुख्य मंत्री डॉक्टर मोहन यादव भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, खुले स्थानों पर मांस मीट का दुकानों का संचालन नहीं होना चाहिए तत्समय प्रशासनिक अधीकारियों ने झाबुआ मुख्यालय सहित पुरे क्षेत्र में खुले में मांस, मछली विक्रेताओं को सूचित कर नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक झाबुआ ज़िला मुख्यालय क्षेत्र में ही निर्देशों का कोई पालन नहीं किया जा रहा है तो जिले की क्या बात कहे। झाबुआ ज़िला मुख्यालय पर धार्मिक स्थलों के पास कृषी उपज मंडी रोड पर खुलेआम मांस, मछली व अंडे के विक्रेता द्वारा धड़ल्ले से बिक्री की जा रही है। ऐसे में इस रास्ते के आवागमन करने वालों राहगीरों एवं धर्मवलम्बीयो lको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन प्रशासनिक अधीकारी द्वारा मीट मांस की दुकानों पर आदेशों का पालन नहीं करवाया जा रहा है।झाबुआ नगर पालिका के समीप नियमों से विपरित संचालित हो रही मीट मांस की दुकानें।
अफसरों की अनदेखी, निर्देशों का नहीं कोई असर प्रदेश सरकार द्वारा खुले में मीट मांस की दुकानों पर बिक्री पर रोक लगाए जाने के बाद प्रशासनिक अधीकारियों ने ज़िला मुख्यालय पर संचालित मीट मांस की दुकानों का भ्रमण कर दुकानदारों को चेतावनी देने के साथ ही समझाइश देकर खुले में बिक्री न करने के आदेश दिए थे, लेकिन तत्समय दुकानदारों ने दुकानों के आगे जालियां लगाकर आड़ कर ली थी, लेकिन जैसे जैस आदेश पुराना होते गया फीर वहीं पुराने ढर्रे पर आ गए। दुकानदार पुनः खुले में अवैध रूप से मांस-मछली की बिक्री करते दिखाई दे रहे हैं। अपशीष्ठ को फैंक रहे खुले में मीट मांस के दुकानदारों द्वारा खुले में दुकानें संचालित करने के आदेश का उलंघन तो कर रहे है, साथ ही बचे हुए अपशीष्ठ का नष्टीकरण भी नहीं किया जा रहा है।
दुकानदारों द्वारा मांस के बचे हिस्सों को नाले-नाली व खाली प्लॉटों में फेंका जा रहा है, जिससे आवारा कुत्ते खाकर अहिंसक होते जा रहे है, जो लोगो को काट कर घायल कर रहे है, लेकिन प्रशासनिक अधीकारी नियमों का उलंघन करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे है।
इसमें ज़िला मुख्यालय पर प्रशासन की सीधे-सीधे लापरवाही देखी जा रही है, इसमें देखा जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेश का पालन करवाने में कहीं ना कहीं असमर्थ नजर आ रहे हैं।
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