झाबुआ में संजीवनी को राजनीतिक भेट चढ़ाने से बचाया BJP सांसद गुमान सिंह डामोर और भाजपा ज़िला अध्यक्ष भानु भूरिया का आश्वाशन संजीवनी तो मारुति(भगवान बजरंगबली) के पास ही हैं और वहीँ बनेगा।
मध्यप्रदेश संजीवनी क्लीनिक 2022 का उद्देश्य
संजीवनी क्लीनिक का मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब और दूर-दराज में रहनेवाले लोगों को उनके पास ही सुविधापूर्ण मुफ्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना। ताकि गरीब लोगो को स्वास्थ्य सेवा के लिए दूर जाकर भटकना ना पड़े तथा उन्हें पैसे के आभाव में स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहना पड़े।
मध्यप्रदेश संजीवनी क्लीनिक 2022 की मुख्य तथ्य (Madhya Pradesh Sanjeevani clinic 2022: Guidelines)
- संजीवनी क्लीनिक राज्य के दूरस्थ कस्बाई क्षेत्रों के अलावा शहरों में स्थित झुग्गी झोपडी क्षेत्रों के पास खोले जाएंगे।
- इसके तहत 7 दिसम्बर 2019 को इंदौर के निपानिया क्षेत्र में पहला संजीवनी क्लीनिक खोला गया।
- इसके तहत राज्य के कस्बो और शहरो में यथा स्थानों पर संजीवनी क्लीनिक खोले जाएंगे।
- मार्च 2020 तक राज्य में कुल 88 क्लीनिक शुरू हो जायेंगे।
- ये स्वास्थ्य केंद्र सरकारी कार्यदिवसों पर सुबह 10 बजे से शाम्ब6 बजे तक खुले रहेंगे।
- संजीवनी क्लीनक में सामान्य ओपीडी परामर्श, गर्भवती महिलाओं की जाँच और टीकाकरण, संचारी रोगों के उपचार की सेवाएं मिलेगी। इसके तहत कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी गम्भीर रोगों की जाँच की भी व्यवस्था रहेगी।
- संजीवनी क्लीनिक में 68 प्रकार की जाँच मुफ्त की जायेगी तथा 120 तरह की दवाइयाँ भी मुफ्त मिलेगी।
- यहाँ पर डॉक्टरों को वेतन नहीं दिया जायेगा। उन्हें 25000₹ तथा प्रति मरीज 40₹ प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। यहाँ पर मेडिकल अफसरों की भर्ती की न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस होगी।
- क्लीनिक पर तकनीकी सहयोग विश फाउंडेशन द्वारा किया जायेगा। मरीजो का रजिस्ट्रेशन टेबलेट के माध्यम से कंप्यूटराइज किया जायेगा।
- संजीवनी क्लिनिक का संचालन राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन (NHM) करेगा।
मध्यप्रदेश संजीवनी क्लीनिक 2022 कस्बे एवं शहरों के झुग्गी बस्तियों में खोलने के कारण (Madhya Pradesh Sanjeevani clinic 2022: Reason for Opening)
तीन साल पहले राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन द्वारा बेसलाइन सर्वे में टीकाकरण, फैमिली प्लानिंग, शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर का अलग-अलग पाया गया। इससे यह देखने को मिला कि स्वास्थ्य के मामले में शहरी गन्दी स्लम बस्तियों की स्थिति और ज्यादा ख़राब है। साफ पानी में एवं गंदगी के चलते डायरिया, डेंगू के मच्छर पनपते हैं और कई प्रकार की बीमारीयों को जन्म देती है। यही सब कारणों सब कारणों से राज्य सरकार ने संजीवनी क्लीनिक को कस्बे एवं शहरो के झुग्गी बस्तियों के पास खोलने का निर्णय लिया। राष्ट्रिय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शहरों में शहरी स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक सेवा केंद्र बनाये गए। लेकिन ये केंद्र शहर के बस्तियों के बीच नहीं है।
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